War-Hindi
hindi back

युद्ध की सायकोलॉजी

199.00

Out of stock

SKU: युद्ध की सायकोलॉजी

Product Description

युद्ध की सायकोलॉजी

जीवन युद्ध का मैदान है। कब, कौन-सा युद्ध सिर पे आ जाए, कहा नहीं जा सकता। इसलिए हरेक को जंग के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है। आज के आधुनिक युग की ये सारी जंगें पारिवारिक भी हो सकती हैं और फाइनेंशियल भी तथा जंग परिस्थिति से भी हो सकती है और बीमारी के साथ भी, पाला कमजोर से भी पड़ सकता है और शक्तिशाली से भी। इसलिए हर मोर्चे पर हमेशा सायकोलॉजिकली तैयार रहना किसी भी युद्ध में जीतने की पहली शर्त है।

“युद्ध की सायकोलॉजी” एक ऐसी किताब है जिसमें “मैं मन हूँ”, “मैं गीता हूँ” और “सबकुछ सायकोलॉजी है” जैसी कई बेस्टसेलर्स के लेखक दीप त्रिवेदी आपको रोजमर्रा के जंगों से निपटने के लिए सायकोलॉजिकली पावरफुल बनाते हैं। साथ ही इन जंगों को जीतने हेतु वे निम्नलिखित बातें भी समझाते हैं:

  1. युद्ध जीतने हेतु अपने मन को सशक्त कैसे बनाना
  2. दूसरों पर दबाव बनाते हुए कैसे विजयी होना
  3. हर प्रकार की आधुनिक जंग में जीत हासिल करने के सायकोलॉजिकल सिद्धांत और उनके दांवपेंच

निश्चित ही जीवन का हर युद्ध एक ऐसा माइंड गेम है जिसमें जीतने हेतु तरह-तरह की सायकोलॉजिकल ट्रिक्स आजमाना जरूरी है। …और यह किताब आपको हर प्रकार की आधुनिक जंग जैसे पारिवारिक, फाइनेंशियल, प्रॉपर्टि, बिजनस, मेडिकल और लीगल फ्रंट पर जीत हासिल करने हेतु एक-से-एक सायकोलॉजिकल हथियारों से लैस करती है।

युद्ध की सायकोलॉजी अंग्रेजी, हिंदी, मराठी और गुजराती में सभी प्रमुख बुक स्टोर्स और ई-कॉमर्स साइट्स पर उपलब्ध है।

Additional Information

Weight 0.205 kg
Dimensions 14.2 x 2.4 x 18.7 cm