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मैं कृष्ण हूँ
मेरे जीवन के अंतिम दिन
‘मैं कृष्ण हूँ – मेरे जीवन के अंतिम दिन बेस्टसेलिंग ‘मैं मन हूँ’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ शृंखला की छठी किताब है। इस किताब में कृष्ण के जीवन से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब एवं घटनाओं का विस्तृत वर्णन हैं जैसे : कृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान पांडवों का ही साथ क्यों दिया? महाभारत युद्ध के बाद कृष्ण के जीवन में और क्या-क्या घटित हुआ? क्यों कृष्ण की ही प्यारी द्वारका में अधिकांश यादव आपस में लड़कर खत्म हो गए?
एक शानदार प्रतिसाद के आधार पर ‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ के पहले भाग को साल 2018 के Crossword Book Awards के ‘Best Popular Non-Fiction’ कैटेगरी में भी नामांकित किया जा चुका है।
‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ में कृष्ण के जीवन को पंद्रह से भी अधिक पौराणिक ग्रंथों से रिसर्च करने के बाद सिलसिलेवार तरीके से लिखा गया है जिसमें कृष्ण के हर कर्म के पीछे के सायकोलॉजिकल कारणों पर भी प्रकाश डाला गया है। आत्मकथा के रूप में लिखी गई कृष्ण की इस जीवन यात्रा में पाठकों को बताया जाता है कि कैसे कृष्ण ने अपनी चेतना के सहारे जीवन के सारे युद्ध जीते और उस मुकाम पर जा बैठे जिसके लिए आज वे न सिर्फ जाने जाते हैं, बल्कि जिस वजह से आज हर कोई उनके बारे में जानने को उत्सुक भी है।
चूंकि किताब के लेखक स्पीरिच्युअल सायकोडाइनैमिक्स के पायनियर हैं, इसलिए उन्होंने सभी आवश्यक जगहों पर कृष्ण की सायकोलॉजी पर प्रकाश डाला है ताकि पाठक यह समझ सके कि कृष्ण ने जो किया वो क्यों किया। ‘‘मैं कृष्ण हूँ’’ निम्नलिखित शास्त्रों से रिसर्च करने के बाद लिखी गई है: महाभारत, शतपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, निरुक्त, अष्टाध्यायी, गर्ग संहिता, जातक कथा, अर्थशास्त्र, इंडिका, हरिवंश पुराण, विष्णु पुराण, महाभाष्य, पद्म पुराण, मार्कंडेय पुराण, कूर्म पुराण, भागवत पुराण, …आदि।
यह किताब गुजराती में भी उपलब्ध है।