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Main Krishna Hoon

399.00

Publisher: Aatman Innovations Pvt Ltd

Language:  Hindi

Binding Type: Paperback

Total Pages: 352 pages

ISBN 10: 9789384850326

ISBN 13:  ‎ 978-9384850326

Reading Age: 14 years and above

Item Weight: 500 g

Dimensions: 20.3 x 25.4 x 4.7 cm

Country of Origin: India

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SKU: Krishna-Hindi Category:

Product Description

कृष्ण एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जिन्हें हर कोई जानना और समझना चाहता है। कृष्ण – एक कलाकार, एक प्रेमी, एक राजनेता, एक सायकोलोजिस्ट, एक व्यवसायी, एक दूरदर्शी, एक गुरु और भी बहुत कुछ। उनकी उपलब्धियां थमने का नाम ही नहीं लेती…
• उन्होंने ग्वाले से द्वारकाधीश तक का सफर तय किया।
• वे कठिनतम परिस्थितियों में भी हंसकर जीवन जीने की कला जानते थे।
• उनका जीवन शून्य से सृजन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
• उन्होंने जीवन का हर युद्ध जीता – फिर युद्ध चाहे आर्थिक हो, सामाजिक हो या राजनैतिक…
सो, जीवन के हर युद्ध को जीतने के लिए हमें जरूरत है तो बस कृष्ण के मन और उनके जीवन में झांकने की। इस काम को हमारे लिए आसान बनाते हैं बेस्टसेलर ‘मैं मन हूँ’ के लेखक दीप त्रिवेदी जिन्होंने अपनी लेटेस्ट किताब, ‘मैं कृष्ण हूँ – मन और जीवन का मास्टर’ में कृष्ण के मन और उनके जीवन पर से पर्दा उठाया है।
और क्योंकि किताब के लेखक स्पीरिच्युअल सायको-डाइनैमिक्स के पायनियर हैं, सो इसमें आवश्यक स्थानों पर कृष्ण की सम्पूर्ण सायकोलोजी और उनसे होने वाले बदलाव को दर्शाया गया है जिससे पाठकों को यह स्पष्ट होता रहता है कि कृष्ण ने क्या किया तथा क्यों किया। यहां गौर करने वाली एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि जिसने कृष्ण की सायकोलोजी को समझ लिया उसके लिए किसी भी मनुष्य की सायकोलोजी को समझना बाएं हाथ का खेल हो जाता है। कुल-मिलाकर इस किताब में कृष्ण का सम्पूर्ण जीवन एक अति रोचक कहानी के रूप में पेश किया गया है। अगर एक वाक्य में इस किताब के बारे में कहा जाए तो हम कह सकते हैं कि, “यह ग्वाले कान्हा के जय श्रीकृष्ण बनने की पूरी दास्तान है।”
इस किताब में निम्नलिखित शास्त्रों से रिसर्च करने के बाद कृष्ण के सम्पूर्ण जीवन को कुछ इस सायकोलोजिकल अंदाज में सिलसिलेवार रूप से पिरोया गया है कि उनकी जीवनयात्रा पढ़ते-पढ़ते आपका जीवन भी बदलता चला जाएगा – महाभारत, शतपथ ब्राह्मण, ऐतरेय आरण्यक, निरुक्त, अष्टाध्यायी, गर्ग संहिता, जातक कथा, अर्थशास्त्र, इंडिका, हरिवंश पुराण, विष्णु पुराण, महाभाष्य, पद्म पुराण, मार्कंडेय पुराण और कूर्म पुराण।

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