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यह पहली किताब है जो समझाती है कि कैसे व क्यों सबकुछ सायकोलॉजी है तथा जीवन का सबसे प्रमुख सवाल “क्या मेहनत व प्रयत्न जरूरी है” का जवाब भी देती है। क्योंकि परेशानी यह कि इतनी मेहनत और प्रयत्न के बाद भी जीवन सेट नहीं हो रहा है। तो क्या इतनी मेहनत और कोशिशें जरूरी हैं?
इसी का जवाब देते हुए यह किताब पहली बार ‘डूइंग व हैपनिंग’ के विज्ञान और सायकोलॉजी को समझाती है क्योंकि ‘न करने के कारण’ इतनी परेशानी नहीं खड़ी हो रही है, जितनी ‘जरूरत से ज्यादा करने के कारण’। जबकि अचीवर्स सबकुछ स्वयं करने की बजाए अपने जीवन में बहुत कुछ होने दे रहे हैं। सरल भाषा में बेस्टसेलिंग लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित किताब “सबकुछ सायकोलॉजी है” ब्रह्मांड तथा जीवन के कई अनकहे रहस्य बताते हुए निम्नलिखित बातों के जरिए सायकोलॉजी की एक नयी दुनिया की सैर कराती है:
- कैसे पार्टिकल से प्लॅनेट तक तथा मनुष्य के मन से जीवन तक सबकुछ सायकोलॉजी है?
- क्यों मेहनत व प्रयत्न से लेकर सफलता और असफलता तक भी सबकुछ सायकोलॉजी है?
- ब्रह्मांड से लेकर मनुष्य के मन और जीवन तक कुछ भी पलभर को स्थिर क्यों नहीं है?
- क्या ‘बिन किये भी’ परिवर्तन होते हैं?
- पृथ्वी कैसे बिना किसी प्रयत्न के अरबों वर्षों से पूरे परफेक्शन के साथ अपनी धुरी पर घूम रही है?
- हैपनिंग क्या है तथा इसमें स्थित होकर कैसे मनुष्य बिना अतिरिक्त मेहनत किये सबकुछ अचीव कर सकता है?
यह किताब अंग्रेजी, हिंदी, मराठी और गुजराती में उपलब्ध है।